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महिंद्रा नर्सरी में आपका स्वागत है — भारत भर में दुर्लभ पौधों के थोक और खुदरा बिक्री के लिए आपका भरोसेमंद गंतव्य! आज, हम आपके लिए सुपारी के पेड़ों के बारे में पूरी जानकारी लेकर आए हैं — जिन्हें एरेका नट ट्री के नाम से भी जाना जाता है — जिसमें रोपण तकनीकों से लेकर कटाई और सांस्कृतिक, वाणिज्यिक और औषधीय क्षेत्रों में बहुमुखी उपयोगों तक सब कुछ शामिल है। यदि आप इस उष्णकटिबंधीय सुंदरता को उगाने के बारे में उत्सुक हैं या इसकी आर्थिक क्षमता को समझना चाहते हैं, तो आप सही जगह पर हैं। 🌿
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वानस्पतिक नाम: एरेका कैटेचू
सामान्य नाम: सुपारी वृक्ष, एरेका नट पाम, सुपारी वृक्ष
परिवार: एरेकेसी (पाम परिवार)
मूल क्षेत्र: दक्षिण एशिया, विशेषकर भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और फिलीपींस।
सुपारी का पेड़ एक पतला, लंबा, सदाबहार ताड़ का पेड़ है जो 20-30 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ सकता है। इसके तने पर गिरे हुए पत्तों के निशान हैं और यह लंबे, पंखदार पत्तों का मुकुट धारण करता है। भारत में इस फल को आमतौर पर "सुपारी" के नाम से जाना जाता है और इसे मुख्य रूप से कई एशियाई संस्कृतियों में पान के हिस्से के रूप में चबाया जाता है।
महिंद्रा नर्सरी में, हम वाणिज्यिक और सजावटी दोनों उद्देश्यों के लिए उपयुक्त प्रीमियम एरेका किस्मों को उगाते हैं और आपूर्ति करते हैं:
| किस्म का नाम | उपयोग | फल का आकार | पेड़ की ऊंचाई | उपलब्धता |
|---|---|---|---|---|
| पारंपरिक लंबा | वाणिज्यिक खेती | मध्यम | 20–25 फीट | ✅ हाँ |
| बौना सुपारी | भूदृश्य/इनडोर | छोटा | 8–10 फीट | ✅ हाँ |
| सिरसी सुपारी | उच्च उपज देने वाली किस्म | बड़ा | 20–25 फीट | ✅ अनुरोध पर |
| मंगला सुपारी | संकर (शीघ्र फल) | मध्यम | 18–22 फीट | ✅ ऑर्डर पर |
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सुपारी के पेड़ को उगाने के लिए गर्म तापमान, उच्च आर्द्रता और अच्छी बारिश की आवश्यकता होती है। यहाँ एक त्वरित नज़र है कि पेड़ को क्या चाहिए:
| मांग | आदर्श सीमा |
|---|---|
| 🌡️ तापमान | 15°C – 35°C (कोई पाला नहीं) |
| ☀️ सूर्य का प्रकाश | पूर्ण सूर्य से आंशिक छाया तक |
| 🌧️ वर्षा | 1500–4000 मिमी प्रतिवर्ष |
| 🪨 मिट्टी का प्रकार | अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी |
| 🌱 पीएच रेंज | 5.5 – 6.5 |
| 🚰 पानी देना | नियमित (जल भराव नहीं) |
| 🌬️ पवन सुरक्षा | आवश्यक (युवा हथेलियां कमजोर होती हैं) |
सुपारी के पेड़ मुख्य रूप से बीजों के माध्यम से उगाए जाते हैं। यहाँ आपको आरंभ करने के लिए एक बुनियादी मार्गदर्शिका दी गई है:
बीज का चयन: स्वस्थ पेड़ों से परिपक्व मेवे चुनें।
नर्सरी अंकुरण: बीजों को छायादार, नम क्यारियों में बोएं।
रोपाई: जब पौधे 6-8 महीने के हो जाएं, तो उन्हें खेत में स्थानांतरित कर दें।
अंतर: इष्टतम जड़ विकास के लिए 2.7mx 2.7m ग्रिड बनाए रखें।
गड्ढे की तैयारी: 60 सेमी x 60 सेमी गड्ढे खोदें; खाद + ऊपरी मिट्टी से भरें।
उर्वरक: एनपीके 100:40:140 ग्राम/वृक्ष/वर्ष विभाजित खुराकों में प्रयोग करें।
| देखभाल गतिविधि | आवृत्ति | सुझावों |
|---|---|---|
| 💧 पानी देना | साप्ताहिक (गर्मियों में अधिक) | पानी के ठहराव से बचें। शुष्क क्षेत्रों में ड्रिप सिंचाई का उपयोग करें। |
| 🌾 निराई | त्रैमासिक | जड़ों के बेहतर प्रसार के लिए आस-पास का वातावरण साफ रखें। |
| 🧪 खाद डालना | वर्ष में दो बार | दीर्घकालिक स्वास्थ्य के लिए खाद + सूक्ष्म पोषक तत्वों का उपयोग करें। |
| 🦠 कीट नियंत्रण | जरुरत के अनुसार | लाल ताड़ की घुन, माइट और फल सड़न से सावधान रहें। |
| ✂️ छंटाई | सालाना | मृत या कीट-संक्रमित पत्तियों को हटा दें। |
| 🌴 मल्चिंग | मौसमी | नमी बनाए रखने और खरपतवार प्रतिस्पर्धा को कम करने में मदद करता है। |
फूल आने का समय: रोपण के 5 से 7 वर्ष बाद।
फूल: छोटे, पीले-सफेद, लम्बे पुष्पगुच्छों पर लगे हुए।
परागण: प्राकृतिक (कीट और वायु)।
फल परिपक्वता: फूल आने के बाद 8-9 महीने लगते हैं।
प्रति वृक्ष उपज: प्रति वर्ष 1 से 2 किलोग्राम प्रसंस्कृत मेवे।
कोमल मेवे: ताजा उपयोग के लिए 6-7 महीने की उम्र में तोड़े जाते हैं (पान में प्रयुक्त होते हैं)।
परिपक्व मेवे: सुखाने और व्यावसायिक प्रसंस्करण के लिए 8-9 महीने में काटे जाते हैं।
काटने वाले ब्लेड वाले लंबे डंडे।
संग्रहण के लिए सुरक्षा दस्ताने और टोकरियाँ।
| अवस्था | विवरण |
|---|---|
| 🌰 भूसी उतारना | बाहरी रेशेदार परत को हटाना. |
| 🌞 धूप में सुखाना | नट्स को सख्त बनाने के लिए 40-50 दिनों तक सुखाया जाता है। |
| 🔥 उबालना (वैकल्पिक) | भंडारण को बढ़ाता है और टैनिन को हटाता है। |
| 🏷️ ग्रेडिंग | आकार, रंग और नमी की मात्रा के आधार पर। |
| 📦 पैकेजिंग | भंडारण और परिवहन के लिए जूट के बैग में पैक किया गया। |
सुपारी भारत और दक्षिण पूर्व एशिया में एक अत्यधिक लाभदायक बागान फसल है। इसका उपयोग कई उद्योगों में होता है:
| उदाहरण | विवरण |
|---|---|
| 🌿 पान चबाना | सामाजिक और सांस्कृतिक अनुष्ठानों के लिए पान, चूना और मसालों के साथ मिलाया जाता है। |
| 🧬 आयुर्वेद | पाचन, परजीवी-विरोधी और सूजन-रोधी उपाय के रूप में उपयोग किया जाता है। |
| 🦷 मौखिक देखभाल | पारंपरिक चिकित्सा में इसे दंत पाउडर और फ्रेशनर में मिलाया जाता है। |
| 🧪 फार्मास्युटिकल | तंत्रिका विज्ञान संबंधी अनुसंधान के लिए एरेकोलाइन (एल्कलॉइड) का स्रोत। |
| 💰 औद्योगिक | जैव-कीटनाशकों और प्राकृतिक रंगों में उपयोग किये जाने वाले अर्क। |
भारत सुपारी का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है।
निर्यात गंतव्यों में बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और श्रीलंका शामिल हैं।
घरेलू बाजार मूल्य किस्म और ग्रेड के आधार पर ₹4,000-₹6,000 प्रति क्विंटल है।
कर्नाटक, असम और केरल में प्रसंस्करण उद्योग हजारों श्रमिकों को रोजगार देते हैं।
स्थिर वार्षिक आय.
स्थापना के बाद न्यूनतम रखरखाव.
केला, काली मिर्च, हल्दी आदि के साथ अंतरफसल की संभावना।
उत्कृष्ट कार्बन सिंक .
वायु-शोधक और ताप-घटाने वाले पत्ते।
जैविक रूप से अंतरफसल लगाने पर मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है।
पाचन उत्तेजक.
आंत के कीड़ों को नियंत्रित करता है।
छोटे, नियमित उपयोग से मसूड़ों और दांतों को मजबूत बनाता है।
⚠️ सावधानी: कच्चे या प्रसंस्कृत रूप में सुपारी का अत्यधिक उपयोग स्वास्थ्य जोखिमों से जुड़ा हुआ है। जिम्मेदार और सीमित खपत को बढ़ावा दें।
क्या आप अपना सुपारी का बागान शुरू करना चाहते हैं या अपने परिदृश्य में उष्णकटिबंधीय वातावरण जोड़ना चाहते हैं? हम प्रीमियम गुणवत्ता वाले पौधे उपलब्ध कराते हैं, जो भारतीय जलवायु में पनपने के लिए तैयार हैं।
| बैग का आकार | वृक्ष की आयु | अनुमानित व़जन |
|---|---|---|
| 5x6 | 6 महीने | 1 किलोग्राम |
| 8x10 | 1 वर्ष | 3 किलोग्राम |
| 12x13 | 2 साल | 10 किग्रा |
| 21x21 | 3+ वर्ष | 50 किलो |
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प्रश्न 1: क्या भारत में सुपारी की खेती लाभदायक है?
✅ हाँ! यह बाजार में बढ़ती मांग के साथ 5वें वर्ष के बाद लगातार उपज प्रदान करता है।
प्रश्न 2: क्या मैं गमलों में सुपारी के पेड़ उगा सकता हूँ?
🔸 केवल बौनी सजावटी किस्मों को ही भूनिर्माण के लिए गमलों में उगाया जा सकता है। व्यावसायिक किस्मों को खुली भूमि की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 3: एरेका पाम और एरेका नट में क्या अंतर है?
🌴 एरेका पाम एक सजावटी घरेलू पौधा है। एरेका नट का पेड़ सुपारी पैदा करता है और बहुत लंबा होता है।
प्रश्न 4: प्रति एकड़ कितने पेड़?
🌱उचित अंतराल के साथ प्रति एकड़ लगभग 550-600 पेड़ ।
प्रश्न 5: क्या सुपारी को अंतरफसलीय खेती के रूप में उगाया जा सकता है?
🌾 हाँ! केला, अदरक, काली मिर्च और हल्दी जैसी फसलें शुरुआती वर्षों में अच्छी तरह उगती हैं।
चाहे आप शुरुआती उत्पादक हों या बागान विशेषज्ञ, सुपारी के पेड़ (एरेका नट ट्री) दीर्घकालिक रिटर्न के लिए एक स्मार्ट निवेश हैं। उचित देखभाल के साथ, ये सुंदर ताड़ के पेड़ न केवल आपके परिदृश्य को सुशोभित करते हैं बल्कि अपार व्यावसायिक मूल्य भी प्रदान करते हैं।
हरियाली और विकास को जीवन में लाने के लिए महिंद्रा नर्सरी को अपना भरोसेमंद साथी बनाएं! 🌿
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